फीडिंग एवं सेक्शनिंग व्यवस्थापन को विस्तार से समझाइए?

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि फीडिंग एवं सेक्शनिंग व्यवस्थापन के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |

फीडिंग एवं सेक्शनिंग व्यवस्थापन

विद्युत शक्ति का उत्पादन, संचरण एवं वितरण त्रिकला प्रणाली के द्वारा किया जाता है और इसे इस प्रकार भारित किया जाता है कि ये सभी कलाओं पर समान रहे। विद्युत संकर्षण प्रणाली में एकल कला सप्लाई प्रयोग की जाती है, अतः असंतुलन की स्थिति को दूर करने के लिए फेजों को क्रमानुसार ट्रांसपोजिशन (Transposition) किया जाता है। इसके कारण प्रत्येक फेज में प्रेरकत्व के कारण होने वाली हानि को कम किया जाता है। इसमें फेज के मध्य प्रेरकत्व का मान एक समान होता है।

प्रत्यावर्ती धारा ट्रैक सरलीकरण में एक उपकेन्द्र द्वारा दी गयी = सप्लाई स्वतंत्र इकाई की भांति कार्य करती है तथा यह समान्तर सप्लाई के रूप में कार्य नहीं कर सकती है। इस प्रणाली में विभिन्न सेक्शनों को विभिन्न उपकेन्द्रों के विभिन्न फेजों से फीड किया जाता है। इसमें न्यूट्रल सेक्शन को दो स्तम्भ के मध्य दिया जाता है। न्यूट्रल सेक्शन दो सेक्शनों के मध्य विभिन्न फेजों से प्रदाय को पृथक् करने के लिए दिया जाता है।

दूरस्थ नियंत्रण केन्द्र (Remote Control Centre)

विद्युत संकर्षण रेल पथ में विद्युत आपूर्ति निरन्तर बनाये रखना आवश्यक होता है। अतः विद्युत लाइन में संयोजित सभी स्विच गियर न्यूनतम समय में प्रचालित होने चाहिए। अतः इस प्रकार के प्रबंध जिनके द्वारा इन स्विच गियरों का प्रचालन तीव्रता के साथ किसी एक केन्द्र से किया जाता है, उन्हें दूरस्थ नियंत्रण केन्द्र कहते हैं। इन्हे शक्ति नियंत्रक भी कहा जाता हैं।

प्रत्येक दूरस्थ नियंत्रण केन्द्र ग्रिड विद्युत उपकेन्द्र, फीडिंग खम्भों (Feeding posts), स्टेशन मास्टर कार्यालय, सिग्नल केबिन, डिविजनल कार्यालय तथा ट्रेफिक नियंत्रण कार्यालय से जुड़ा होता है। दूरस्थ नियंत्रण प्रणाली में संकर्षण लाइन से जुड़े सभी स्विच गियर आवृत्ति सिग्नलों के संचरण के द्वारा नियंत्रित किये जाते है।

सिग्नलिंग की यह प्रणाली स्विच गियर के प्रचालन के समय क्षणिक धाराओं (Transient current) के द्वारा चुम्बकीय प्रेरित अवरोधन को रोकने के लिए प्रयोग की जाती है।

दूरस्थ नियंत्रण केन्द्र के लाभ

दूरस्थ नियंत्रण केन्द्र के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-

  • यह प्रणाली किफायती (Economical) होती है। इसके द्वारा नियंत्रण हेतु उपकेन्द्रों एवं पोस्टों पर मानवीय देखरेख की आवश्यकता नही होती है। इसके द्वारा श्रमिक व्ययों को कम किया जा सकता है।
  • इस केन्द्र में निरीक्षण तथा प्रचालन दोनों के लिए प्रभावकारी प्रक्रिया होती है। इसमें सम्पूर्ण प्रणाली की देखरेख एक ही स्थान से होती है। इसके द्वारा सम्पूर्ण प्रणाली का समन्वय सम्भव होता है। यह शीघ्र प्रचालित की जाती है।
  • भारतीय रेलवे में टेलीफोन इन्डस्ट्रीज, सीमेन्स कंपनी के सेंसर उपकरणों का प्रयोग करके प्रणाली में समय पश्चता का मान कम होता है।

आज आपने क्या सीखा :-

अब आप जान गए होंगे कि फीडिंग एवं सेक्शनिंग व्यवस्थापन इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

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