दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि विद्युत लोकोमोटिव की कार्य प्रणाली के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
विद्युत लोकोमोटिव की कार्य प्रणाली
विद्युत लोकोमोटिव की कार्यप्रणाली को निम्न बिन्दुओं के द्वारा समझाया जा सकता है-
- पेन्टोग्राफ (Pantograph) – लोकोमोटिव के द्वारा शिरोपरि लाइन से धारा का संग्रह करने के लिए पेन्टोग्राफ का प्रयोग किया जाता है। इसकी संरचना इस प्रकार बनायी जाती है कि यह शिरोपरि चालक पर अतिरिक्त दबाव उत्पन्न कर सके। पेन्टोग्राफ को मेन्यूअली एवं ऑटोमेटिक प्रचालन के द्वारा समायोजित किया जा सकता है।
- परिपथ वियोजक (Circuit Breaker)- यह एक रक्षात्मक उपकरण – होता है। इसके द्वारा लोकोमोटिव को मुख्य सप्लाई के साथ संयोजित (Connect) तथा विच्छेद (Disconnect) किया जा सकता है। यह प्रक्रिया उस समय होती है जब शिरोपरि चालक लाइन में दोष उत्पन्न होता है।
- एक्सल बुश (Axle Brush)- पेन्टोग्राफ के द्वारा फेज या लाइन चालक को सम्पर्कित किया जाता है जबकि एक्सल बुश के द्वारा न्यूट्रल चालक को सम्पर्कित किया जाता है।
- अपचायी ट्रांसफॉर्मर (Step Down Transformer)-विद्युत सकर्षण प्रणाली में काण्डों प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। इसमें लोकोमोटिव को 16 kV, 25 kV, 50 Hz सप्लाई दी जाती है, अतः अपचायी ट्रांसफॉर्मर के द्वारा सप्लाई को उच्च वोल्टता से निम्न वोल्टता में परिवर्तित किया जाता है।
- मुख्य दिष्टकारी (Main Rectifier) – मुख्य दिष्टकारी का प्रयोग सिंगल फेज AC सप्लाई को DC सप्लाई में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। सामान्यतः SCR, IGBT का प्रयोग किया जाता है। इनके द्वारा उच्च धारा शक्ति का प्रवाह किया जाता है।
- फिल्टर (Filter)-ब्लॉक आरेख द्वारा स्पष्ट है कि दो फिल्टरों का प्रयोग किया जाता है। ये DC फिल्टर होते हैं। इनका प्रयोग DC सप्लाई को फिल्टर करने के लिए किया जाता है।
- थ्री फेज इन्वर्टर (Three Phase Inverter) – सिंगल फेज टू श्री फेज इन्वर्टर का प्रयोग DC सप्लाई को 30 AC सप्लाई में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। इस थ्री फेज सप्लाई का प्रयोग 34 मोटर को चलाने के लिए किया जाता है। श्री फेज इन्वर्टर में सामान्यतः SCR तथा IGBT का प्रयोग उच्च शक्ति के लिए किया जाता है।
- मोटर नियंत्रक (Motor Controller)- मोटर नियंत्रक का प्रयोग थ्री फेज मोटर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह नियंत्रण गति, बल आघूर्ण, त्वरण आदि में परिवर्तन करके किया जा सकता है।
- संकर्षण मोटर (Traction Motor)- मॉर्डन लोकोमोटिव प्रणाली में थ्री फेज प्रेरण मोटर का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार की मोटर का गति नियमन अच्छा होता है तथा इनके द्वारा पुनः जनन ब्रेकिंग का प्रयोग किया जा सकता है।
- सिंगल फेज इन्र्वटर (Single Phase Inverter) – सिंगल फेज इन्र्चेंटर का प्रयोग लाइट, फेन, AC सॉकेट, कूलिंग फेन, बैट्री चार्जर इत्यादि को सप्लाई देने के लिए किया जाता है। सिंगल फेज इन्र्वटर के द्वारा मुख्य दिष्टकारी से सप्लाई ली जाती है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि विद्युत लोकोमोटिव की कार्य प्रणाली इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो