दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आदर्श अनुरक्षण के लिए निर्धारित क्राइटेरिया के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
आदर्श अनुरक्षण के लिए निर्धारित क्राइटेरिया
संकर्षण प्रणाली में आदर्श अनुरक्षण के लिए सम्पूर्ण अनुरक्षण को – तीन भागों में विभाजित किया जाता है-
- रनिंग अनुरक्षण (Running Maintenance)
- दोष निवारण (Trouble Shooting)
- निवारक अनुरक्षण (Preventive Maintenance)
रनिंग अनुरक्षण (Running Maintenance)
रनिंग अनुरक्षण उस समय किया जाता है, जब उपकरण में दोष उत्पन्न होता है। मरम्मत की यह विधि तकनीकी रूप से सटीक नहीं होती है। इसका प्रमुख उद्देश्य प्रणाली के ब्लॉक (Block) होने की संभावना को समाप्त करना होता है। इस अनुरक्षण प्रणाली का प्रमुख दोष यह है कि इसके द्वारा दोष उत्पन्न होने वाले कारणों को समाप्त करने का प्लान तैयार नहीं । किया जाता है। रनिंग अनुरक्षण प्रणाली सुरक्षा की दृष्टि से भी ठीक नही होती है क्योंकि विद्युत सप्लाई की स्थिति में अनुरक्षण करना जटिल एवं खतरनाक होता है।
दोष निवारण (Troubleshooting)
यह अनुरक्षण प्रोग्राम उपकरणों के भजन स्थिति में पहुंचने से पूर्व किया जाता है परन्तु यह अनुरक्षण अस्थायी अनुरक्षण होता है। दोष निवारण के लिए उपकरणों की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण किया जाता है। यदि उपकरणों – की स्थिति कार्य करने लायक नहीं होती है तब इसे बदलना आवश्यक होता है।
निवारक अनुरक्षण (Preventive Maintenance)
इस प्रकार की अनुरक्षण प्रक्रिया का प्रमुख उद्देश्य भविष्य में दोषों को रोकना होता है। इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम कार्य प्रणाली का निरीक्षण किया जाता है और इसके द्वारा यह देखा जाता है कि कार्यरत उपकरणों को क्षतिग्रस्त होने या दोष उत्पन्न होने की संभावना से पूर्व में अनुरक्षण या बदलने की आवश्यकता है या नहीं। लोकोमोटिव के रख-रखाव के कार्य की गुणवत्ता लोकोमोटिव के सफलतापूर्वक प्रचालन को प्रदर्शित करती है।
निवारक अनुरक्षण का प्रमुख सिद्धांत निरीक्षण पर निर्भर करता है। यदि किसी लोकोमोटिव का निरीक्षण लगातार नियमित अन्तराल पर किया जाता है तो अनुरक्षण आवृत्ति कम होती है। इसी प्रकार लोकोमोटिव की उपलब्धता जितनी अधिक होती है, यातायात की आवृत्ति उतनी ही कम होती है।
अनुरक्षण लागत कम करना
अनुरक्षण लागत को कम करने के लिए निम्न विधियां हैं-
(i) स्टाफ संख्या कम करना (Reducing Staff Strength) –अनुरक्षण प्रणाली में लागत को कम करने का सबसे सरल तरीका, अतिरिक्त स्टाफ को कम करना है। यह पर्याप्त निरीक्षण के बाद तय किया जाता है। इसके द्वारा अनुरक्षण (रख-रखाव) को आसानी से किया जा सकता है। प्रभावी अनुरक्षण के लिए स्टाफ का प्रशिक्षित होना आवश्यक होता है। इसके द्वारा अनुरक्षण कार्य की दक्षता में वृद्धि होती है।
(ii) तकनीकी निर्देश (Technical Guidance)- किसी अनुरक्षण प्रणाली में कार्यरतश्रमिकों को सही प्रकार से प्रयोग करने के लिए यह आवश्यक है कि उन्हें तकनीकी निर्देशों के बारे में ज्ञान होना चाहिए तथा अनुरक्षण के लिए उपयुक्त औजारों का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए।
(iii) शेड की व्यवस्थापन एवं शेड सुविधायें (Shed Layout and Shed Facilities)-अनुरक्षण करने के लिए एक निर्धारित स्थान होना आवश्यक है। यह स्थान अनुरक्षण शेड कहलाता है।
शेड की व्यवस्थापन एवं हेंडलिंग सुविधाओं के कारण अनुरक्षण प्रणाली को प्रभावी बनाया जा सकता है। आधुनिक शेड के द्वारा एक सेक्शन से दूसरे सेक्शन में अकुशल कर्मियों के द्वारा अवयवों को स्थानान्तरित करने में होने वाली टूट-फूट एवं क्षति को कम करने के साथ-साथ रख-रखाव लागत को भी कम किया जा सकता है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि आदर्श अनुरक्षण के लिए निर्धारित क्राइटेरिया इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो