दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शक्ति लाइन वाहक रक्षक के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
शक्ति लाइन वाहक रक्षक
इस प्रकार का रक्षण प्रसारण लाइनों की वाहक धारा जिसकी आवृत्ति 30 से 200 kHz अमेरिका में तथा 80 से 500 KC/S (kHz) यू.के. में प्रसारण लाइनों में रक्षण के लिए काम में ली जाती है।
लाइन के प्रत्येक सिरे पर धारा वाहक यंत्र लगा होता है जिसमें ट्रांसमीटर (Transmitter), रिसीवर (Receiver), Line-tuning यूनिट, मास्टर दोलित्र (master oscillator) तथा शक्ति एम्पलीफायर (Power Amplifier) लगा होता है।
कपलिंग कैपेसिटर (Coupling Capacitor)
प्रसारण लाइन के साथ कपलिंग कैपेसिटर लगा होता है जिसका कैपेसिटेन्स जो वाहक आवृत्ति (Carrier frequency) पर कम रिएक्टेंस (Reactance) (ब्ट) तथा शक्ति आवृत्ति (Power Frequency) पर ज्यादा रिएक्टेंस (Reactance) देता है।
लाइन पात इकाई (Line Trap Unit)
इसे बस बार तथा कपलिंग कैपेसिटर के सम्पर्क बीच में लगाया जाता है। यह उच्च आवृत्ति के संकेतों को लाइन में जाने से रोकते हैं तथा केवल वाहक धारा को रक्षण लाइन में बहाते हैं।
कपलिंग यूनिट का रक्षण एवं भूसंयोजन
प्रदोषों के कारण अतिवोल्टता आती है। ये लाइन पात (Trap) इकाई तथा पावर लाइन में तड़ित स्ट्रोक, स्विचिंग एवं कपलिंग इकाई पर दबाव बनाते हैं। एक अरेखीय प्रतिरोध को रक्षण अन्तराल के मध्य श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
प्रत्येक सिरे पर निम्न तीन इलेक्ट्रॉनिक इकाइयां लगाई जाती है-
- ट्रांसमीटर इकाई (Transmitter Unit)
- रिसीवर इकाई (Receiver Unit)
- रिले इकाई (Relay Unit)
ट्रांसमीटर (Transmitter)
ट्रांसमिटर इकाई को हम सामान्यतया सिग्नल को ट्रांसमिट करने के लिए काम में लिया जाता है। केरियर आवृत्ति दौलित्र (oscillator) में उत्पन्न की जाती है। दौलित्र को उपयोग के हिसाब से एक खास आवृति के लिए ट्यूनड किया जाता है। क्रिस्टल दौलित्र का उपयोग भी किया जा सकता है। चूंकि ट्रांसमिशन के समय हानियां होती है, अतः दौलित्र के आउटपुट को एम्पलीफायर में एम्पीफाई किया जाता है। सिस्टम में होने वाले हास को दूर करने के लिए एम्पलीफायर उपयोग में लिया जाता है। ट्रांसमिटर का कन्ट्रोल सुरक्षा के प्रकार के हिसाब से अलग-अलग प्रकार से किया जा सकता है।
रिसीवर (Receiver)
दूर से आने वाले उच्च आवृति वाले केरियर सिग्नलों को रिसीवर द्वारा रिसीव किया जाता है। रिसीवर के लिए उसकी चयनशीलता, विश्वसनीयता व सुग्राहिता अच्छी होनी चाहिए।
रिसीवर सिस्टम के मुख्य भाग निम्न होते हैं-
- एक Attenuator जो कि सिग्नल को सुरक्षित सीमा तक कम कर देता है।
- बैण्ड पास फिल्टर (Band pass filter) जो कि अवांछित सिग्नल को दूर कर देता है।
- मैचिंग ट्रांसफॉर्मर जो कि लाईन तथा रिसीविंग यूनिट के इम्पीडेन्सों को मैच कर देता है।
रिले इकाई (Relay unit)
रिले इकाई के द्वारा उस पॉइन्ट का पता लग जाता है, जहां दोष उत्पन्न हुआ है तथा यह यूनिट सबसे नजदीकी सर्किट ब्रेकर को ट्रिपिंग के लिए चुनता है। जिससे दूसरे स्वस्थ सिस्टम को बिना डेमेज हुए बचाया जा सकें।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि शक्ति लाइन वाहक रक्षक इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो