संकर्षण के विभिन्न तंत्रों की तुलना कीजिए?

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि संकर्षण के विभिन्न तंत्रों की तुलना के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |

किसी भी प्रकार की संकर्षण सभी विशेषताओं से परिपूर्ण नहीं हो सकती है, परन्तु प्रत्येक प्रणाली की अपनी कुछ अलग-अलग विशेषताएं तथा लाभ है। संकर्षण प्रणाली मुख्यतः दो प्रकार की होती है-

  1. अविद्युतीय संकर्षण प्रणाली
  2. विद्युतीय संकर्षण प्रणाली

अविद्युतीय संकर्षण प्रणाली

ऐसी प्रणाली जिसमें विद्युत का प्रयोग नहीं किया जाता हो, उसे अविद्युतीय संकर्षण प्रणाली कहते हैं। यह निम्न दो प्रकार की होती है।

(a) वाष्प इंजन प्रणाली (Steam engine system)

(b) प्रत्यक्ष आंतरिक दहन इंजन प्रणाली (Direct internal combustion engine system)

वाष्प इंजन प्रणाली (Steam Engine System)

पहले बॉयलर द्वारा वाष्प उत्पन्न कर वाष्प इंजन को दी जाती है जो ऊष्मा (heat) ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। यह सर्वाधिक उपयोग में आने वाला ड्राइव था लेकिन धीरे-धीरे इसका उपयोग कम होने लगा है क्योंकि अब डीजल व विद्युत इंजनों का प्रयोग बढ़ने लगा है।

प्रत्यक्ष आंतरिक दहन इंजन प्रणाली

इस प्रकार के इंजन की प्रणाली का उपयोग सड़क द्वारा यात्रियों तथा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में किया जाता है। इसका उदाहरण-कार, बस तथा ट्रक आदि है।

विद्युतीय संकर्षण प्रणाली (Electrical Traction System)

ऐसी प्रणाली जिसमें किसी ना किसी अवस्था में विद्युत का प्रयोग किया जाता

हो, उसे विद्युतीय संकर्षण प्रणाली कहते हैं।

यह निम्न प्रकार की होती है-

(a) विद्युत ड्राइव संकर्षण प्रणाली (Electric drive traction system)

(b) डीजल विद्युत ड्राइव (Diesel electric drive)

(c) आंतरिक दहन इंजन विद्युत चालन सहित (Internal combustion engine with electric drive)

(d) बैट्री ड्राइव (Battery drive)

विद्युत ड्राइव संकर्षण प्रणाली

इसमें विद्युत मोटर ड्राइव को शिरोपरि वितरण प्रणाली (overhead distribution system) के द्वारा सप्लाई (supply) दी जाती है। इसमें दिष्ट धारा श्रेणी मोटर या एकल फेजी AC श्रेणी मोटर या 34 प्रेरण मोटरों का उपयोग किया जाता है। इसमें विद्युत ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करके उपलब्ध यान्त्रिक ऊर्जा से ट्रेन चलायी जाती है।

डीजल विद्युत ड्राइव संकर्षण प्रणाली

इसमें डीजल इंजन को एक दिष्ट धारा जनित्र (DC Generator) से संयोजित किया जाता है तथा डीजल इंजन की गति (RMP) को स्थिर (constant) रखा जाता है। इस तरह डीजल जनित्र युग्म (diesel generator set) से उत्पन्न विद्युत ऊर्जा से ट्रेन चलाई जाती हैं।

आंतरिक दहन इंजन विद्युत चालन सहित

इस प्रकार की प्रणाली में डीजल इंजन को एक दिष्ट धारा जनित्र से जोड़ा जाता है तथा इंजन को एक समान गति पर चलाते हैं, इससे उत्पन्न दिष्ट धारा (विद्युत ऊर्जा) से विद्युत मोटर द्वारा ट्रेन को चलाया जाता है।

बैट्री ड्राइव

इस प्रकार के चालन में इंजन को गति देने के लिए दिष्ट धारा मोटर का प्रयोग किया जाता है तथा दिष्ट धारा मोटर को विद्युत की आपूर्ति संचायक बैट्री (srorage battery) द्वारा की जाती है क्योंकि बैट्री मोटर को लम्बे समय के लिए विद्युत की आपूर्ति करने में असमर्थ रहती है, अतः इस प्रणाली का उपयोग कम समय में ही पूर्ण होने वाले कार्यों जैसे- शंटिंग भार सेवा आदि के लिए किया जाता है। इसका गति परास (speed range) सीमित है तब भी इस प्रकार के चालन (drive) का भार कम होने तथा गति नियन्त्रण यंत्र रचना (speed control mechanism) सरल होने के कारण इसकी सेवा अवधि कम होने पर भी इसका उपयोग रेलवे सेवाओं के लिए किया जाता है।

आज आपने क्या सीखा :-

अब आप जान गए होंगे कि संकर्षण के विभिन्न तंत्रों की तुलना इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

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