अलग-अलग उपकरण परीक्षणों को समझाइए?

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अलग-अलग उपकरण परीक्षण के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |

अलग-अलग उपकरण परीक्षण

विद्युत लोकोमोटिव के अलग-अलग उपकरणों के परीक्षणों को निम्न उपकरणों में अनुरक्षण प्रक्रिया के द्वारा समझा जा सकता है-

ट्रांसफॉर्मर (Transformer) – ट्रांसफॉर्मर में टर्न अनुपात परीक्षण तथा विद्युत रोधन परीक्षण के आधार पर ट्रांसफॉर्मर के नियंत्रण को प्रभावी बनाया जा सकता है। ट्रांसफॉर्मर में ऑयल परीक्षण, बुशिंग परीक्षण तथा विद्युतरोधन के लिए मेगर परीक्षण किया जाता है।ट्रांसफॉर्मर में लीड या टेप का अनुरक्षण किये जाने के बाद, उच्च वोल्टता परीक्षण 200c/s के मान पर किया जाता है।

घूर्णी मशीन (Rotating Machines) – घूर्णी मशीन में प्रारम्भिक परीक्षण के आधार पर विद्युतरोधन के लिए मेगर परीक्षण व अन्य परीक्षण में नो लोड परीक्षण, फुल लोड परीक्षण इत्यादि किए जाते हैं।घूर्णी मशीन में फुल लोड की स्थिति में तापक्रम परीक्षण किया जाता है। जापान में लोकोमोटिव प्रणाली में परावैद्युत परीक्षण (Di-electric test) कार्यरत मोटरों के लिए किया जाता है। परावैद्युत परीक्षण में मोटर के विद्युतरोधन का उच्च धारा या अतिभार की स्थिति में परीक्षण किया जाता है। यदि परावैद्युत परीक्षण में “tan 8” का मान अधिक होता है, तो मशीन में विद्युतरोधन का स्तर उच्चतम नही होता है और दोष उत्पन्न होने की सम्भावना होती है।

विद्युत संकर्षण में सबसे महत्वपूर्ण परीक्षण आर्मेचर के विद्युतरोधन का परीक्षण होता है। इस परीक्षण में AC वोल्टेज को वायरिंग तथा कोर के मध्य लगाया जाता है। इसमें चार्जिंग धारा एवं डी.सी. अवयवों का मापन किया जाता है। डी.सी. अवयवों में वाइडिंग इन्सुलेशन का मान शून्य होता है।

परिपथ वियोजक (Circuit Breaker)- मुख्य परिपथ वियोजक के लिए निम्नलिखित परीक्षण अनिवार्य हैं-

प्रचालित कुंडलन में न्यूनतम (Minimum) पिक अप वोल्टेज, विद्युतरोधन मेगर परीक्षण, उच्चतम एवं निम्नतम वायु दाब परीक्षण, प्राथमिक एवं द्वितीयक सम्पर्क के ओपन एवं बंद होने का समय इत्यादि।

रिले (Relay)-रिले में परीक्षणों को निम्न प्रकार किया जा सकता है-

प्रचालित कुंडलन (Operating Coil)में पिक अप एवं ड्रॉप मान परीक्षण, रिले के तीनों फेजों का विद्युत चुम्बकीय परीक्षण, टाइम डिले रिले में टाइम डिले परीक्षण, विद्युत चुम्बकीय रिले में प्रारम्भिक सम्पर्क परीक्षण, तापक्रम रिले में पिक अप तथा ड्रॉप तापक्रम परीक्षण तथा ऊष्मा रिले में तापक्रम परीक्षण किया जाता है।

केबल (Cable)-केबलों में उच्च वोल्टता परीक्षण को नवीन पेनलों पर किया जाता है, जबकि केबलों का विद्युतरोधन परीक्षण करने के लिए मेगर परीक्षण किया जाता है।

दिष्टकारी (Rectifier) – उच्च वोल्टता की स्थिति में दिष्टकारी के सभी संयोजनों का परीक्षण किया जाता है और इसी के साथ वोल्टता शेयरिंग एवं डायोडों का परीक्षण भी किया जाता है।

टेप चेंजर (Tap Changer) – टेप के विद्युतरोधन परीक्षण में मेगर एवं ऑयल परीक्षण (ट्रांसफॉर्मर के लिए), न्यूनतम वायु दाब (Minimum Air Pressure) परीक्षण, सही अनुक्रम (Correct sequence) परीक्षण आदि किये जाते हैं।

आज आपने क्या सीखा :-

अब आप जान गए होंगे कि अलग-अलग उपकरण परीक्षण इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

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