दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आधार संरचना के प्रकार के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
आधार संरचना के प्रकार
आधार संरचना की डिजाइन, भार वहन क्षमता के अनुसार निर्धारित की जाती है। यहां भार वहन क्षमता को मिट्टी की भार वहन क्षमता के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। भूमि के तल पर उपस्थित इस भार संरचना के द्वारा अतिरिक्त दाब को वहन किया जाना चाहिए।
सामान्यतः मिट्टी (Soil) दो प्रकार की होती हैं-
सामान्य मिट्टी (Normal Soil)
सामान्य मिट्टी के द्वारा तीन प्रकार के भार-प्रकृति को वहन किया जा सकता है-
(i) साइड भारित (Side Beared)
(ⅱ) साइड गुरुत्व भारित (Side Gravity Beared)
(iii) शुद्ध गुरुत्व भारित (Pure Gravity Beared)
ब्लैक कॉटन मिट्टी बरसात के दिनों में फूल (Swelling) जाती है, जबकि गर्मी के दिनों में चटक जाती है। इस प्रकार की मिट्टी के द्वारा बनायी गयी संरचना उच्च भार वहन करने में असमर्थ होती है।
साइड भारित आधार (Side Bearing Foundation)
साइड भारित आधार संरचना को पृथ्वी के उन स्थानों पर प्रयोग किया जाता है, जहां पृथ्वी सामान्य या पूर्ण रूप से समेकित (Consolidated) होती है। OHE तथा वायु भार को सरचना के साइड तथा आधार पर स्थानांतरित किया जाता है। इस प्रकार साइड भारित आधार पर दाब का मान 10000 kgf/m² होता है। इसमें बंकन आघूर्ण का मान साइड तथा आधार दोनों स्थितियों में शून्य होता है, क्योंकि यह दृढ़ आधार संरचना होती है। साइड भारित आधार की चौड़ाई 0.3m से 0.5m तक रखी जाती है। इन आधारों की भूमिगत (Under groud) लम्बाई 1m से अधिक नही रखी जाती है।
साइड भारित आधार को दो प्रकार की संरचनाओं में विभाजित किया जाता है। ये समानान्तर एवं बेलनाकार संरचनाएं होती हैं।
साइड गुरुत्व आधार (Side Gravity Foundation)
इस प्रकार की साइड आधार संरचना उन स्थानों पर प्रयोग की जाती है, जहां किनारों पर चौड़ाई कम होती है अर्थात् साइड चौड़ाई का मान 0.3 m से कम होता है। इन्हें ट्रैक से दूरी के साथ संस्थापित किया जाता है। – अत्यधिक दाब की स्थिति में क्षति पूरी करने के लिए इनके आधार का साइज बढ़ाया जाता है।
शुद्ध गुरुत्व आधार (Pure Gravity Foundation)
यह संरचना भूमि के उन स्थानों पर प्रयोग की जाती है, जहां मिट्टी लूज (Loose) होती है तथा इसमें साइड में रुकावट उत्पन्न करने की क्षमता कम होती है। शुद्ध गुरूत्व आधार संरचना में क्रंकीट का प्रतिशत उच्चतम रखा जाता है। इसमें आधार को अधिक उच्च दृढ़ संरचना तथा अधिक आधार क्षेत्रफल के साथ बनाया जाता है। संरचना पर ऊर्ध्वाधर भार तथा परिणामी लोड की स्थिति के लिए तीसरी मध्य आधार संरचना का प्रयोग किया जाता है। इसमें भार को आधार तक सीमित रखा जाता है।
ब्लैक कॉटन मिट्टी के लिए विशेष आधार
ब्लैक कॉटन मिट्टी सबसे अप्रत्याक्षित (Unpredicatable) मिट्टी होती है। ब्लैक कॉटन मिट्टी की दो प्रमुख विशेषताएं होती हैं। प्रथम विशेषता यह है कि जब यह मिट्टी गीली होती है, तब फूल जाती है और इनके द्वारा भार वहन क्षमता लगभग 16500 kg/m² तक हो जाती है जबकि दूसरी विशेषता यह है कि जब मिट्टी सूखी अवस्था में होती है तब इसमें दरारें (Craks) उत्पन्न होती हैं जो कि मिट्टी के तल से 2.5 m तक गहराई तक होती हैं। उपरोक्त प्रदर्शित दोनों स्थितियों के लिए शुद्ध गुरुत्व आधार संरचना का प्रयोग भी किया जा सकता है, जिसकी भार वहन क्षमता 8250 kg/m² होती है।
ब्लैक कॉटन मिट्टी के अन्तर्गत आधार को इस प्रकार निर्मित किया जाता है कि इसके द्वारा 16500 kg/m² तक के भार का वहन किया जा सके। यह सुरक्षित भार वहन क्षमता को प्रदर्शित करता है। इसे चित्र 4 के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। इसमें आधार की गहराई 2.8m तक रखी जाती है। इस स्थिति में मिट्टी के परिवर्तन को नगण्य माना जाता है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि आधार संरचना के प्रकार इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो