दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अपशिष्ट ऊष्मा पुनःप्राप्ति प्रणाली के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
अपशिष्ट ऊष्मा पुनःप्राप्ति प्रणाली
अपशिष्ट ऊष्मा, ईंधन के जलने की क्रिया (Combustion) और रासायनिक प्रतिक्रिया (Reaction) से उत्पन्न होती है। इसका व्यावसायिक और आर्थिक दृष्टि से पुनः उपयोग किया जा सकता है।
बॉयलर, ईंट पकाने की बड़ी भट्टी, ओवन तथा चिमनी से गर्म धुआं अत्यधिक मात्रा में निकलता है जिससे ऊर्जा की पुनः प्राप्ति बहुत अधिक तेजी से की जा सकती है। जब भाप उच्च तापमान पर द्रवित होती है तब निम्न दाब उत्पन्न होता है, जिसका उपयोग निम्न दाब तापन में होता है, इस प्रक्रिया में अत्यधिक तेजी से भाप उत्पन्न होती है।
अपशिष्ट ऊष्मा पुनःप्राप्ति प्रणाली में उच्च तापमान वाली चिमनी से निकली गैसों का पुनः उपयोग पूर्वतापन (Pre-heating) प्रक्रिया में होता है, निम्न तापमान वाली चिमनी गैसों का पुनः उपयोग भेजे गये पानी को गर्म करने और भाप का तापमान बढ़ाने में होता है। 1% ईंधन में कमी को प्राप्त करने के लिए चिमनी के धुएं का तापमान 22°C कम करके पुनः ऊर्जा प्राप्त हो सकती है। ऊष्मा हानियों की गणना गुण और मात्रा की दृष्टि से होती ‘है। ऊष्मा पुनः प्राप्ति की गणना निम्नलिखित प्रकार से की जाती है
Q=VxpxCpx Ar
जहां
Q= ऊष्मा का मान
V= आयतन (निकाय)
P = विशिष्ट ऊष्मा
C= स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा
ΔΙ = तापान्तर °C में
अपशिष्ट ऊष्मा के विभिन्न स्त्रोत
अपशिष्ट ऊष्मा के विभिन्न स्त्रोत निम्नलिखित हैं-
(i) गैस टरबाइन निकास द्वारा पुनः प्राप्त की गयी निष्कासित ऊष्मा ।
(ii) इंजन द्वारा पुनः प्राप्त की गयी जैकेट ऊष्मा।
(iii) रेसिप्रोकेटिंग इंजन चलित जनरेटर सेट द्वारा निकली पुनः प्राप्ति ऊष्मा का प्रयोग स्थैतिक शक्ति सह-उत्पादन (Co-generation) और स्वतंत्र शक्ति उत्पादन के लिए होता है। इनमें भारी ईंधन फायर, गैस फायर और डीजल फायर प्रकार के अपशिष्ट निकलते हैं।
(iv) कूड़ा-करकट पिघलाने वाली स्टील भट्टियों, सीमेंट की विशाल भट्टियों, औद्योगिक भट्टियों, कचरा जलाने वाली भस्मक मशीनों और अपशिष्ट गैसों की प्रणालियों से गर्म अपशिष्ट गैसें, डीजल जनरेटर द्वारा गर्म गैसें, ठंडी इमारतों, लोहा ठंडा करने की विभिन्न प्रक्रियाओं के दौरान व्यर्थ पानी से अपशिष्ट ऊष्मा निकलती है।
अपशिष्ट ऊष्मा पुनःप्राप्ति के लाभ
अपशिष्ट ऊष्मा पुनः प्राप्ति के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-
(i) पुनःप्राप्ति प्रणालियों की क्षमता बढ़ाना।
(ii) प्रणाली लागत और ईंधन का उपयोग कम करना।
(iii) प्रणाली में समय का घटना।
(iv) अपव्यय (Waste) में कमी।
(v) उपकरणों के आकार और संख्या में कमी।
(vi) स्टाफ, श्रमिक लागत और अन्य खर्चों में कटौती।
अपशिष्ट ऊष्मा पुनःप्राप्ति के उपयोग
(i) निम्न तापमान सीमा (0-120°C) की अपशिष्ट ऊष्मा का उपयोग शैवालों (algae) के फार्म, बायो-ईंधन के उत्पादन में होता है।
(ii) पादप गृहों (Green House) में इसका उपयोग होता है।
(iii) इसका उपयोग पर्यावरणीय औद्योगिक पार्कों में होता है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि अपशिष्ट ऊष्मा पुनःप्राप्ति प्रणाली इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो